उत्तराखण्ड होमस्टे योजना

0
349
होम स्टे
दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे

 

उत्तराखण्ड की यात्रा में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को अभूतपूर्व अनुभव प्रदान करने के साथ ही स्थानीय लोगों की खुशहाली के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना शुरु की गई है | अब आप अपने घर का पर्यटकों के विश्राम स्थल के रूप में उपयोग कर अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर कर सकते हैं |

उद्देश्य

प्रदेश में निरन्तर हो रहे पलायन को रोकने, रोजगार प्रदान करने, स्थानीय संस्कृति व उत्पादों से परिचित कराने के उद्देश्य से दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास (होम-स्टे) विकास योजना वर्ष 2018 में प्रारम्भ की गई है।

कार्ययोजना

1. होम स्टे स्थापित / घर का नवीनीकरण करने के लिए पात्र आवेदकों को बैंक से ऋण लिए जाने की दशा में राजकीय सहायता भी प्रदान की जायेगा |

2. होम स्टे से प्राप्त आय पर प्रथम तीन वर्षों तक SGST की धनराशि की भरपाई विभाग द्वारा की जाएगी |

3. योजना के प्रचार-प्रसार के लिए पृथक से वेबसाइट तथा मोबाइल ऐप विकसित की जाएगी |

4. होम स्टे संचालकों को आतिथ्य सत्कार का प्रशिक्षण दिया जायेगा |

5. तीस लाख रुपये की सीमा तक व्यवसायिक ऋण की स्वीकृति के सापेक्ष बंधन विलेख पर देय प्रभार्य शुल्क की प्रतिपूर्ति |

6. पुराने भवनों में उच्चीकरण, साज-सज्जा, अनुरक्षण एवं रु० २ लाख तक की सीमा तक नए शौचालयों के निर्माण पर भू-परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होगी |

ऋण एवं अनुदान

लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम रु० 15.00 लाख मूल राजसहायता एवं पांच वर्षों हेतु अधिकतम रु० 1.50 लाख / वर्ष की ब्याज राजसहायता लाभ |

पात्रता

योजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड के मूल/स्थाई निवासी जो परिवार सहित भवन में निवास करता हो, जिसका भवन नगर निगम की सीमाओं के बाहर है, अतिथियों के लिये न्यूनतम एक तथा अधिकतम छः कक्षोंकी व्यवस्था की गई है।

योजना के तहत वित्तीय सहायता

योजना के अन्तर्गत मैदानी क्षेत्रों में पूंजी संकर्म (Project Cost) लागत के 25 प्रतिशत या रू0 7.50 लाख इसमें जो भी कम हो, सब्सीडी के रूप में देय होगा। साथ ही प्रथम पांच वर्षो में ऋण के सापेक्ष देय ब्याज का 50 प्रतिशत अधिकतम रू0 1.00 लाख प्रतिवर्ष की दर से देय होगा। पर्वतीय क्षेत्रों हेतु पूंजी संकर्म (Project Cost) लागत के 50 प्रतिशत या रू0 15.00 लाख इसमें जो भी कम हो, सब्सीडी के रूप में देय होगा। साथ ही प्रथम पांच वर्षो में ऋण के सापेक्ष देय ब्याज का 50 प्रतिशत अधिकतम रू0 1.50 लाख प्रतिवर्ष की दर से देय होगा। उत्तराखण्ड शासन द्वारा प्रख्यापित ”सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति, 2015 के अन्तर्गत श्रेणी-ए, बी, बी़ एवं सी को इस योजना हेतु पर्वतीय क्षेत्र एवं श्रेणी बी को मैदानी क्षेत्र माना जायेगा।

SPOC Pundir- 7290998562