दिनांक 07 मार्च 2025 को ग्रामोत्थान रीप परियोजना के अंतर्गत बहुहितधारक मंच/कार्यशाला का आयोजन होटल भरत मंगलम, बौराड़ी, नई टिहरी, जनपद टिहरी गढ़वाल में किया गया।
इस कार्यशाला में एनआरएलएम एवं ग्रामोत्थान रीप परियोजना से जुड़ी 250 ग्रामीण महिलाएं उपस्थित थीं। कार्यशाला का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँचाने हेतु विक्रेताओं के साथ राउंड टेबल बैठक आयोजित करना था।
प्रदर्शनी एवं उत्पाद:
इस दौरान ग्रामीण महिलाओं द्वारा निम्नलिखित उत्पादों का प्रदर्शन किया गया—
✔ चीड पिरूल से बने उत्पाद
✔ प्राकृतिक दालें
✔ धूप, साबुन, शैम्पू
✔ जूट से बने बैग
✔ चीड पिरूल की टोकरियाँ
प्रशासन की भूमिका और सुझाव:
जिलाधिकारी महोदय ने उपस्थित उद्यमियों, विक्रेताओं एवं अधिकारियों को प्रोत्साहित किया और बताया कि—
किसी भी इकाई को स्थापित करना एक लंबी प्रक्रिया होती है, लेकिन सही जानकारी से कम मेहनत में अधिक लाभ संभव है।
चारधाम यात्रा के दौरान ग्रामीण उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए उचित योजना बनाई जानी चाहिए।
स्थानीय उत्पादों के लिए आउटलेट सुनिश्चित करने हेतु मुख्य विकास अधिकारी (CDO) को प्रस्ताव भेजे जाने चाहिए।
मुख्य अधिकारी एवं प्रतिभागी:
इस कार्यशाला में सीडीओ अभिषेक त्रिपाठी, परियोजना निदेशक डीआरडीए पुष्पेन्द्र सिंह चौहान, जिला विकास अधिकारी मो. असलम, मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डी.के. शर्मा, सरिता जोशी (जिला परियोजना प्रबंधक, ग्रामोत्थान रीप परियोजना) सहित अन्य अधिकारी एवं विक्रेता उपस्थित रहे।
महत्वपूर्ण प्रश्न जो अब भी अनुत्तरित हैं:
निष्कर्ष
अगर जिला प्रशासन वास्तव में ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने और पलायन रोकने के प्रति गंभीर है, तो उन्हें इन प्रश्नों का उत्तर देना होगा
और एक पारदर्शी तंत्र विकसित करना होगा, जिससे लोग आसानी से सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उठा सकें।
अन्यथा, इस प्रकार की कार्यशालाएँ केवल एक प्रचारात्मक कार्यक्रम बनकर रह जाएँगी और सार्वजनिक धन का दुरुपयोग साबित होंगी।