- पृष्ठभूमि: प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (PMKK) योजना
प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (PMKK) भारत सरकार के कौशल भारत मिशन (Skill India Mission) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के हर जिले में अत्याधुनिक कौशल विकास केंद्र स्थापित करना है।इन केंद्रों को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
मुख्य उद्देश्य:
युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक और गुणवत्तापूर्ण कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।
प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
स्थानीय स्तर पर कौशल की मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को पाटना।
- टिहरी PMKK सेवा इंटरनेशनल को फंडिंग (वित्तपोषण)
किसी भी PMKK केंद्र को फंडिंग NSDC द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार दी जाती है। यह फंडिंग आमतौर पर एक परियोजना-आधारित मॉडल पर होती है, जिसमें शामिल हैं:
कैपेक्स (पूंजीगत व्यय): केंद्र स्थापित करने, मशीनरी, उपकरण और बुनियादी ढाँचे के लिए NSDC द्वारा सुरक्षित ऋण (secured loan) के रूप में लगभग ₹70 लाख तक की सहायता दी जाती है।
ऑपेक्स (परिचालन व्यय): प्रशिक्षण की लागत NSDC द्वारा कॉमन नॉर्म्स (Common Norms) के तहत प्रति छात्र, प्रति घंटे के आधार पर दी जाती है। यह धनराशि सीधे प्रशिक्षण भागीदार (Training Partner), इस मामले में सेवा इंटरनेशनल, को हस्तांतरित की जाती है।
फंडिंग का disbursement किश्तों में होता है और यह प्रशिक्षण के परिणामों से जुड़ा होता है:
पहली किश्त: प्रशिक्षण बैच शुरू होने पर।
दूसरी किश्त: प्रशिक्षण के बीच में या मूल्यांकन के बाद।
अंतिम किश्त: छात्रों के सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने और निर्धारित समय (आमतौर पर 90 दिनों) के भीतर नौकरी पाने (Placement) के बाद।
कथित भ्रष्टाचार का मुख्य स्रोत अक्सर फर्जी नामांकन और प्लेसमेंट दिखाकर अंतिम किश्त का दावा करना होता है।
घोटाले की नींव: 70 लाख का अनुदान और एक अदृश्य कौशल केंद्र
हमारी जांच का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि सेवा इंटरनेशनल को टिहरी गढ़वाल में प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (PMKK) स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से 70 लाख रुपये का अनुदान मिला था। यह अनुदान एक आधुनिक, सुसज्जित केंद्र बनाने के लिए था, जहाँ स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा सके। लेकिन इस अनुदान ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं:
आंकड़ों की परतें: कैसे हर चरण में हुआ खेल?
PMKVY के हर चरण में सेवा इंटरनेशनल के आंकड़े एक ही कहानी कहते हैं—धोखाधड़ी और हेरफेर की।
1. PMKVY 2.0 (2016-2020): बड़े आंकड़ों का मायाजाल
इस चरण का लक्ष्य बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण देना था, और सेवा इंटरनेशनल ने इसी का फायदा उठाया।
- लागत: ₹28 – ₹45 प्रति घंटा/प्रति छात्र
- टिहरी में खेल: पोर्टल पर 4,041 छात्रों को प्रशिक्षित दिखाया गया। इतने बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण के लिए न कोई प्रचार हुआ, न ही स्थानीय स्तर पर कोई जानकारी दी गई।
2. PMKVY 3.0 (2020-2021): भौगोलिक धोखाधड़ी का खुला खेल
इस चरण में स्थानीय जरूरतों पर जोर दिया गया, लेकिन सेवा इंटरनेशनल ने इस नियम को ताक पर रख दिया।
- लागत: ₹30 – ₹50 प्रति घंटा/प्रति छात्र
- टिहरी में खेल: 329 छात्रों को प्रशिक्षित दिखाया गया,
- 3. PMKVY 4.0 (2022-2026): “भूतिया छात्रों” के नाम पर करोड़ों का भुगतान
इस आधुनिक और पारदर्शी कहे जाने वाले चरण में भी घोटाला जारी रहा।
- लागत: ₹35 – ₹60+ प्रति घंटा/प्रति छात्र
- टिहरी में खेल: 830 छात्रों को प्रशिक्षित दिखाया गया और इसके लिए भुगतान भी कर दिया गया। ये छात्र कौन हैं और कहाँ से आए, इसका कोई जवाब नहीं है।
घोटाले का कुल हिसाब: 5600 से ज्यादा छात्र और 3-5 करोड़ से अधिक की चपत
यदि तीनों चरणों के आंकड़ों को एक साथ देखा जाए, तो तस्वीर और भी भयावह हो जाती है।
चरण | कुल नामांकित छात्र | प्रशिक्षित छात्र | कुल बैच (अनुमानित/प्रमाणित) |
PMKVY 2.0 | 4,301 | 4,041 | ~135 (अनुमानित) |
PMKVY 3.0 | 341 | 329 | ~11 (अनुमानित) |
PMKVY 4.0 | 1,010 | 830 | 37 (प्रमाणित) |
कुल योग | 5,652 | 5,200 | ~183 (कुल) |
यह मामला केवल पारदर्शिता की कमी का नहीं, बल्कि एक बहु-करोड़ रुपये के संगठित घोटाले का है, जिसमें शामिल हैं:
- PMKK केंद्र के लिए ₹70 लाख का अनुदान।
- PMKVY 4.0 के तहत सीधा भुगतान।
- PMKVY 2.0 और 3.0 के तहत 4,370 छात्रों के प्रशिक्षण के नाम पर अनुमानित करोड़ रुपये से अधिक की राशि।
कुल मिलाकर, यह 3-5 करोड़ रुपये से भी अधिक का घोटाला प्रतीत होता है, जो उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य के साथ एक क्रूर धोखा है।
सेवा इंटरनेशनल द्वारा 5,200 छात्रों को प्रशिक्षण देने का दावा किया गया, लेकिन पब्लिक डोमेन (जैसे वेबसाइट, सोशल मीडिया, मीडिया कवरेज आदि) में इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता। न तो लाभार्थियों की सूची सार्वजनिक है, न ही प्रशिक्षण से जुड़ी कोई पारदर्शी जानकारी उपलब्ध है।
यह सब स्पष्ट करता है कि यह एक फर्जी NGO है, जिसने दस्तावेज़ों में हेराफेरी कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। ऐसी संस्था के खिलाफ राज्य सरकार को तुरंत कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े को रोका जा सके।
28 जून 2023 को शाम 7:07 बजे सेवा इंटरनेशनल को PMKK और PMKVY योजनाओं पर स्पष्टीकरण हेतु मेल भेजी गई।
संस्था ने जवाब देने के बजाय जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल से संपर्क करने की सलाह दी। इसके बाद 18 जून 2024 को वही मेल डीएम को भेजी गई, लेकिन वहाँ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
सेवा इंटरनेशनल और जिलाधिकारी टिहरी को पत्र भेजे जाने के बावजूद न तो संस्था ने जवाब दिया और न ही प्रशासन ने कोई संज्ञान लिया। इसके विपरीत, सेवा इंटरनेशनल ने PMKVY 4.0 योजना में भ्रष्टाचार जारी रखा। यह जवाबदेही की पूरी तरह अनदेखी, प्रशासनिक निष्क्रियता और भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को दर्शाता है।
यदि सेवा इंटरनेशनल ने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है, तो निम्नलिखित बिंदुओं पर स्पष्ट, तथ्यों सहित जवाब देना चाहिए:
यदि सेवा इंटरनेशनल ने योजनाएं ईमानदारी से चलाई हैं, तो उसकी जानकारी वेबसाइट, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर क्यों नहीं है? संस्था इन प्लेटफॉर्म्स के लिंक, स्क्रीनशॉट और पोस्टिंग की तारीखों सहित प्रचार सामग्री प्रस्तुत करे।
सेवा इंटरनेशनल सभी लाभार्थियों की सूची, प्रशिक्षण केंद्र, जॉब रोल, बैच ID, अवधि और प्रमाणपत्र डिजिटल रूप में प्रस्तुत करे, ताकि प्रशिक्षण की पुष्टि हो सके।
प्रचार और जागरूकता: घर-घर प्रचार या जागरूकता अभियान के क्या प्रमाण हैं? पंपलेट, फोटो, वीडियो, मीडिया कवरेज दें।
स्थानीय भागीदारी: किन महिला समूहों, स्थानीय NGOs या पंचायतों के साथ मिलकर काम किया गया? उनके नाम व संपर्क दें।
स्टाफ विवरण: ट्रेनर, काउंसलर, और अन्य स्टाफ की सूची और तैनाती अवधि दें।
सेवा इंटरनेशनल द्वारा PMKVY 2.0, 3.0 और 4.0 के तहत चलाए गए हर कोर्स का सिलेबस स्पष्ट रूप से साझा किया जाए, जिसमें कोर्स का नाम (जैसे GDA, Data Entry Operator),
NSQF लेवल, कुल प्रशिक्षण घंटे, प्रमुख मॉड्यूल (जैसे कम्युनिकेशन स्किल्स, डिजिटल लिटरेसी, टेक्निकल स्किल्स, सेफ्टी आदि), प्रशिक्षण सामग्री का स्रोत (NCVT/NSDC) और थ्योरी-प्रैक्टिकल का अनुपात शामिल हो।
माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील: टिहरी PMKK घोटाले में प्रशासन की चुप्पी तुड़वाएं और तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें।
टिहरी प्रशासन को निम्नलिखित तत्काल और कठोर कदम उठाने चाहिए:
- FIR दर्ज करना: इन दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी, सरकारी धन के गबन और जालसाजी के लिए सेवा इंटरनेशनल और उसके जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज की जानी चाहिए।
- रिकॉर्ड्स की जब्ती: केंद्र के सभी भौतिक और डिजिटल रिकॉर्ड्स (नामांकन फॉर्म, उपस्थिति रजिस्टर, बैंक स्टेटमेंट, व्यय वाउचर) को तुरंत जब्त किया जाना चाहिए ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न हो सके।
- छात्रों का भौतिक सत्यापन: रिपोर्ट में दिखाए गए 5,200 छात्रों की सूची प्राप्त कर, रैंडम आधार पर छात्रों से संपर्क करके यह सत्यापित किया जाए कि उन्होंने वास्तव में प्रशिक्षण लिया है या नहीं।
- वित्तीय ऑडिट: एक स्वतंत्र एजेंसी से फंड का फोरेंसिक ऑडिट कराया जाए ताकि यह पता चल सके कि पैसा कहाँ और कैसे खर्च किया गया।
ब्लैकलिस्टिंग: यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो सेवा इंटरनेशनल को भविष्य में किसी भी सरकारी परियोजना के लिए ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए और उनसे पूरी राशि ब्याज सहित वसूल की जानी चाहिए।
Reference :
1- 28 Jun, 2023 -सेवा इंटरनेशनल को ईमेल और उनकी निराशाजनक प्रतिक्रिया
2-Jun 18, 2024-डीएम टिहरी और रोजगार अधिकारी को भी ईमेल, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं।
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