चार घोषणाएं, कोई कार्रवाई नहीं? ज़मीन पर मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना है कहाँ?

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उत्तराखंड सरकार ने 16 मई 2025 को मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को धामी कैबिनेट में मंजूरी दे दी। यह घोषणा कई प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई, जिससे राज्य की हजारों बेसहारा महिलाओं के बीच एक उम्मीद जगी। योजना के अनुसार अविवाहित, तलाकशुदा, परित्यक्ता, निराश्रित और विकलांग एकल महिलाओं को दो लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी, जिसमें 75% राशि सब्सिडी के रूप में होगी।

योजना के ऐलान का इतिहास
इस योजना की घोषणा पहली बार नहीं हुई है। यह चौथी बार है जब मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना की बात उत्तराखंड सरकार द्वारा की गई है:

7 मार्च 2023: इस योजना की घोषणा कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य द्वारा की गई थी। इसकी जानकारी दृष्टि IAS अकादमी की वेबसाइट पर भी प्रकाशित है (प्रमाण स्क्रीनशॉट संलग्न)।

2 जुलाई 2024: योजना की घोषणा प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा की गई थी (प्रमाण स्क्रीनशॉट संलग्न)।

3 मार्च 2025: एक बार फिर रेखा आर्य द्वारा इसी योजना की घोषणा की गई (प्रमाण स्क्रीनशॉट संलग्न)।

16 मई 2025: धामी कैबिनेट द्वारा फिर से योजना को स्वीकृति दी गई (प्रमुख समाचार पत्र में प्रकाशित, स्क्रीनशॉट संलग्न)।

पर सवाल यह उठता है कि…
चार बार इस योजना की घोषणा हो चुकी है, लेकिन आज तक जनता को यह पता नहीं है कि यह योजना क्या है और इसका लाभ कैसे मिलेगा। न तो कोई आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी उपलब्ध है, न कोई गाइडलाइन, न पात्रता की स्पष्टता, न ही यह बताया गया है कि राज्य, ज़िला या ब्लॉक स्तर पर इस योजना के नोडल अधिकारी कौन हैं।

जनता के सवाल
योजना की यथार्थ स्थिति क्या है?

पात्र महिलाओं को इसका लाभ कैसे मिलेगा?

आवेदन कहां किया जाए?

नोडल अधिकारी कौन हैं? (राज्य, ज़िला और ब्लॉक स्तर पर)

क्या किसी महिला को अब तक इस योजना का लाभ मिला है? अगर हां, तो उसकी जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई?

यह कोई पहला मामला नहीं
यह पहली बार नहीं है जब उत्तराखंड सरकार द्वारा किसी योजना की घोषणा की गई हो और वह सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह गई हो। अधिकांश सरकारी योजनाओं का यही हाल है — घोषणा ज़ोर-शोर से होती है लेकिन ज़मीनी स्तर पर न तो लाभार्थियों को जानकारी मिलती है और न ही मदद।

जनता की ओर से निवेदन
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य जी से निवेदन है कि कृपया इस योजना की पारदर्शिता बनाए रखें और जनता को सच बताएं:

इस योजना की वास्तविक स्थिति क्या है?

अब तक किन महिलाओं को इसका लाभ मिला?

योजना की गाइडलाइन, आवेदन प्रक्रिया, पात्रता, नोडल अधिकारी और संपर्क सूत्रों की सार्वजनिक जानकारी कब और कैसे उपलब्ध कराई जाएगी?

निष्कर्ष
मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना राज्य की हजारों एकल, बेसहारा और जरूरतमंद महिलाओं के लिए वरदान बन सकती है — अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए और पारदर्शिता के साथ आम जनता को जानकारी दी जाए। लेकिन बार-बार घोषणा करने और ज़मीनी कार्रवाई न होने से सिर्फ भ्रम फैलता है और सरकारी व्यवस्था की साख पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार से आग्रह है कि इस विषय पर जल्द से जल्द स्पष्टीकरण दें और योजना की संपूर्ण जानकारी सार्वजनिक करें। यह न केवल लोकतांत्रिक पारदर्शिता का हिस्सा है, बल्कि राज्य की महिलाओं का अधिकार भी।