
क्या सच में विकास की राह पर है उत्तराखंड? या यह सचिव नियोजन आर. मीनाक्षी सुंदरम की मीडिया प्रबंधन रणनीति है?
हाल ही में, उत्तराखंड के प्रमुख सचिव नियोजन, आर. मीनाक्षी सुंदरम ने राज्य की आर्थिक प्रगति के
संबंध में कई महत्वपूर्ण आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय
और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बेरोजगारी दर में आई कमी
महिलाओं के रोजगार क्षेत्र में प्रतिनिधित्व में भी बढ़ोतरी देखी गई है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की प्रगति बढ़ोतरी देखी गई है लेकिन क्या ये आंकड़े वास्तव में राज्य के विकास को दर्शाते हैं, या यह मात्र एक मीडिया प्रबंधन प्रयास है?
प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि
प्रमुख सचिव के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय 2,46,178 रुपये थी,
जो 2024-25 में बढ़कर 2,74,064 रुपये होने का अनुमान है, यानी 11.33% की वृद्धि।
यह वृद्धि राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जो राज्य की आर्थिक प्रगति को दर्शाती है।
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि
राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार 2023-24 में 3,32,000 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर
3,78,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, यानी 46,000 करोड़ रुपये की वृद्धि। यह वृद्धि राज्य की आर्थिक मजबूती को इंगित करती है।
रोजगार के अवसरों में वृद्धि
पिछले दो वर्षों में, राज्य में लगभग 9.31 लाख लोगों को रोजगार मिला है, जिसमें से 6.29 लाख लोग स्वरोजगार से जुड़े हैं। यह आंकड़ा राज्य में रोजगार के अवसरों में वृद्धि को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की प्रगति
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, जो 2018 में शुरू की गई थी, उसे 2022 में गति मिली। इस योजना के तहत 2022
में गाइडलाइन्स में बदलाव कर 200 किलोवाट तक की परियोजनाएं लगाने की अनुमति दी गई, जिसके
परिणामस्वरूप 174 मेगावाट की परियोजनाएं धरातल पर उतरने की प्रक्रिया में हैं। हालांकि,
इस योजना की सफलता को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
सर्वेक्षण की विश्वसनीयता पर संदेह
इस सर्वेक्षण के आधार पर जो आंकड़े पेश किए गए हैं, वह भी संदेह के घेरे में हैं।
यदि यह सर्वेक्षण राज्य योजना आयोग के बदले में अब ‘State Institute for Empowering and Transforming Uttarakhand'(SETU) द्वारा किया गया है, तो इसकी रिपोर्ट उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होनी चाहिए थी।लेकिन वेबसाइट पर इस संबंध में कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं मिली है।
डेटा की पारदर्शिता पर सवाल
उत्तराखंड सरकार के ऊर्जा सचिव द्वारा यह आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं,
लेकिन मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की प्रगति और लाभार्थियों की विस्तृत जानकारी उत्तराखंड
अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (UREDA) की वेबसाइट पर नहीं मिल रही है। यदि यह योजना वास्तव में सफल है,
तो लाभार्थियों की जानकारी और चल रही परियोजनाओं की पारदर्शी जानकारी सार्वजनिक मंचों पर उपलब्ध होनी चाहिए।
निष्कर्ष
उत्तराखंड विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन सरकारी दावों की सत्यता पर सवाल उठने लगे हैं।
यदि सरकार द्वारा किए गए दावे सही हैं, तो इन्हें तथ्यों के साथ सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
पारदर्शिता और डेटा की उपलब्धता ही किसी योजना की वास्तविक सफलता को प्रमाणित कर सकती है।
सचिव नियोजन आर. मीनाक्षी सुंदरम को इन प्रश्नों का स्पष्ट जवाब देना चाहिए ताकि जनता को सही जानकारी प्राप्त हो सके।