प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार की एक केंद्रीय योजना है, जिसे 17 सितंबर 2023 को पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

योजना का उद्देश्य:
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प और कारीगरी से जुड़े कारीगरों को पहचान, कौशल उन्नयन, आधुनिक उपकरण, वित्तीय सहायता, डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन और विपणन समर्थन प्रदान करना है, ताकि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जुड़ सकें।
पात्रता:
उम्र: न्यूनतम 18 वर्ष
व्यवसाय: पारंपरिक हस्तशिल्प या कारीगरी में संलग्न स्व-रोजगार व्यक्ति
ऋण इतिहास: पिछले 5 वर्षों में केंद्र या राज्य सरकार की समान ऋण आधारित योजनाओं के तहत ऋण नहीं लिया हो (पूर्ण रूप से चुकाए गए MUDRA या SVANidhi ऋण को छोड़कर)
परिवार: एक परिवार (पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे) से केवल एक सदस्य पात्र
सरकारी कर्मचारी: सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य पात्र नहीं हैं
लाभ:
पहचान: PM विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र
कौशल उन्नयन: 5-7 दिनों का मूल प्रशिक्षण और 15 दिनों या अधिक का उन्नत प्रशिक्षण, ₹500 प्रतिदिन की वजीफा के साथ
उपकरण प्रोत्साहन: ₹15,000 तक के ई-वाउचर के रूप में
ऋण सहायता: बिना जमानत के ₹3 लाख तक का ऋण दो किश्तों में (₹1 लाख और ₹2 लाख), 5% ब्याज दर पर
डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन: प्रति डिजिटल लेनदेन ₹1, अधिकतम 100 लेनदेन प्रति माह
विपणन समर्थन: गुणवत्ता प्रमाणन, ब्रांडिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्धता, और विपणन गतिविधियाँ
पंजीकरण प्रक्रिया:
पंजीकरण के लिए इच्छुक व्यक्ति pmvishwakarma.gov.in पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण आवश्यक है, और यह प्रक्रिया कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से की जाती है।
अधिक जानकारी और आवेदन के लिए pmvishwakarma.gov.in पर जाएँ।