उत्तराखंड में कौशल विकास और रोजगार विभाग का मुख्य उद्देश्य युवाओं को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार और बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
परंतु वास्तविकता यह है कि यह विभाग अपने उद्देश्य को सही तरीके से पूरा करने में असफल प्रतीत हो रहा है।
“उत्तराखंड की असली ताकत उसकी एकता में है” – पर युवाओं का क्या?
मैं सितारगंज का विधायक हूं और वहां की समस्याओं को उठाना मेरी जिम्मेदारी है। गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान बंगाली समाज पर की गई टिप्पणी को लेकर मैंने विधानसभा अध्यक्ष महोदय को पत्र सौंपा था। पर्वतीय समाज पर हुई असभ्य टिप्पणी पर भी मैंने उसी दिन अफसोस जताया था।
आपका यह कथन कि “उत्तराखंड की असली ताकत उसकी एकता में है, न कि किसी भी तरह के विभाजन में” बिल्कुल सही है, और मैं इससे पूरी तरह सहमत हूं।
लेकिन सर, बंगाली समुदाय की चिंता करना सराहनीय है, पर क्या आप उत्तराखंड के लाखों युवाओं की भी चिंता करते हैं? अगर आप वास्तव में उत्तराखंड के लोगों की परवाह करते हैं, तो क्या आप विनायक श्रीवास्तव जैसे अधिकारियों की अनियमितताओं से अवगत हैं?
आपका विभाग और उसकी निष्क्रियता
बहुगुणा जी, आप उत्तराखंड के कौशल विकास एवं रोजगार निदेशालय विभाग के मंत्री हैं। यह विभाग युवाओं के कौशल विकास और रोजगार सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। लेकिन क्या यह वास्तव में अपने कार्यों को सही तरीके से निभा रहा है?
इस विभाग के अंतर्गत कई कार्यालय कार्यरत हैं, जैसे –
डायरेक्टरेट ऑफ एम्प्लॉयमेंट (हल्द्वानी)
डिप्टी डायरेक्टरेट ऑफ एम्प्लॉयमेंट (देहरादून, लैंसडाउन, अल्मोड़ा)
जिला रोजगार कार्यालय (सभी जिलों में)
टाउन रोजगार कार्यालय (पौड़ी, रामनगर, काशीपुर, हल्द्वानी, रानीखेत)
यूनिवर्सिटी रोजगार ब्यूरो (गुरुकुल कांगड़ी, श्रीनगर, नैनीताल)
परंतु, इन कार्यालयों में अधिकारी और कर्मचारी केवल सैलरी, बोनस और छुट्टियों का लाभ उठा रहे हैं, जबकि उत्तराखंड का युवा बेरोजगारी से जूझ रहा है। इन कार्यालयों की पारदर्शिता और जवाबदेही कहां है?
वेबसाइट और सूचना की कमी
यह बेहद शर्मनाक है कि आपके विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पिछली बार 26 जून 2023 को अपडेट की गई थी। डिजिटल युग में जब हर सरकारी विभाग को पारदर्शिता और सूचना उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहना चाहिए, तब आपके विभाग की वेबसाइट लगभग डेढ़ साल से निष्क्रिय पड़ी है।
केंद्र और राज्य सरकारें कई कौशल विकास योजनाएं चला रही हैं, लेकिन युवाओं तक इसकी जानकारी पहुंच ही नहीं रही।
क्या आपने कभी यह सुनिश्चित किया कि युवाओं को इन योजनाओं के बारे में बताया जाए?
क्या आपने अपने विभाग की वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता फैलाने के लिए कोई कदम उठाया?
उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य पर ध्यान दें
बहुगुणा जी, बंगाली समाज के मुद्दों पर आपकी चिंता समझी जा सकती है, लेकिन उत्तराखंड के लाखों बेरोजगार युवाओं की भी चिंता करनी होगी। अगर आप सच में उत्तराखंड की परवाह करते हैं, तो कृपया इन मुद्दों पर भी उतनी ही गंभीरता दिखाएं –
वेबसाइट को नियमित रूप से अपडेट किया जाए।
युवाओं को रोजगार और कौशल विकास योजनाओं की जानकारी दी जाए।
रोजगार कार्यालयों को जवाबदेह बनाया जाए।
विभागीय अधिकारियों की अनियमितताओं की जांच की जाए।
निष्कर्ष
उत्तराखंड की असली ताकत उसकी एकता में है, लेकिन यह ताकत तभी बनी रह सकती है जब राज्य के युवा आत्मनिर्भर और सशक्त होंगे।
सौरभ बहुगुणा जी, आपसे आग्रह है कि कौशल विकास एवं रोजगार विभाग को सक्रिय करें और उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाएं।