PMKVY 4.0 में जिला कौशल समिति (DSC) का महत्वपूर्ण योगदान है। DSC का मुख्य उद्देश्य जिले में कौशल विकास योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना, निगरानी करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार व प्रशिक्षण के अवसर बढ़ाना है। नीचे DSC की प्रमुख भूमिकाओं का विवरण दिया गया है:
1. कौशल विकास में समन्वय और संसाधनों का उपयोग
DSC जिले में विभिन्न कौशल विकास योजनाओं के बीच समन्वय स्थापित करेगी।
संसाधनों और बुनियादी ढांचे के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए क्रॉस-यूटिलाइजेशन (संसाधनों का साझा उपयोग) को बढ़ावा देगी।
2. कौशल अंतर का आकलन
DSC जिले में उद्योगों की मांग का आकलन करेगी।
कौशल अंतर को भरने के लिए योजनाएं बनाएगी और इन्हें लागू करेगी।
3. जिला कौशल विकास योजना (DSDP) तैयार करना
DSC जिला कौशल विकास योजना (District Skill Development Plan – DSDP) तैयार करेगी।
इस योजना के अंतर्गत जिले की स्किलिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए रणनीतियां बनाई जाएंगी।
4. PMKK और PMKVY प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना में सहयोग
जिले में प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (PMKK) और PMKVY प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के लिए सहायता प्रदान करना।
5. जागरूकता अभियान
स्थानीय मीडिया नेटवर्क के माध्यम से योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
अधिक से अधिक उम्मीदवारों को योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित करना।
6. रोजगार मेलों और ओजेटी (OJT) का आयोजन
स्थानीय उद्योगों और प्रतिष्ठानों के साथ समन्वय स्थापित करके रोजगार मेलों (रोजगार मेले) का आयोजन।
उद्योगों के लिए ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग (OJT) की सुविधा प्रदान करना।
7. उद्योग और कौशल विकास के बीच संबंध मजबूत करना
उद्योगों के साथ साझेदारी बढ़ाना और उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित करना।
उद्योगों की मांग के अनुसार प्रशिक्षण केंद्रों को मार्गदर्शन देना।
8. प्रशिक्षण की नियमित निगरानी
जिले के प्रशिक्षण केंद्रों की नियमित निगरानी करना।
प्रशिक्षण की गुणवत्ता, प्रशिक्षकों की योग्यता और प्रशिक्षण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष:
जिला कौशल समिति (DSC) PMKVY 4.0 के तहत जिले में कौशल विकास गतिविधियों का केंद्र बिंदु है। यह न केवल प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करती है, बल्कि रोजगार के अवसर बढ़ाने और उद्योग की मांग के अनुसार कौशल विकसित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।