उत्तराखंड में सौर ऊर्जा नीति
1. उद्देश्य
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए यह नीति बनाई है। इसका मुख्य उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करना और सतत विकास सुनिश्चित करना है।
2. पात्रता एवं आवेदन प्रक्रिया
- निवेशक और कंपनियां investuttarakhand.uk.gov.in के माध्यम से सिंगल विंडो सिस्टम पर आवेदन कर सकते हैं।
- उरेडा (UREDA) और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) द्वारा परियोजनाओं की समीक्षा और अनुमोदन किया जाएगा।
3. परियोजना की क्षमता एवं लागत
क्षमता (KW) | अनुमानित लागत (रुपए में) | वार्षिक विद्युत उत्पादन (KWh) |
---|---|---|
20 KW | 10,00,000 | 30,400 |
25 KW | 12,50,000 | 38,000 |
50 KW | 25,00,000 | 76,000 |
100 KW | 50,00,000 | 1,52,000 |
200 KW | 1,00,00,000 | 3,04,000 |
4. वित्तीय सहायता एवं ऋण प्रावधान
- परियोजना लागत का 70% ऋण के रूप में उपलब्ध होगा।
- 30% पूंजीगत सब्सिडी एमएसएमई (MSME) नीति के तहत दी जाएगी।
- ऋण भुगतान अवधि: 15 वर्ष।
- वार्षिक ब्याज दर: 8%।
5. राजस्व एवं लाभ
- सौर ऊर्जा की बिक्री के लिए टैरिफ ₹4.49 प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है।
- वार्षिक राजस्व: ₹1,36,496 (20 KW) से ₹13,64,960 (200 KW) तक।
- मासिक शुद्ध आय (ऋण भुगतान के बाद): ₹9,700 (20 KW) से ₹1,01,247 (200 KW) तक।
6. आवेदन प्रक्रिया का फ्लोचार्ट
- डेवलपर द्वारा आवेदन
- UREDA द्वारा समीक्षा एवं UPCL को अग्रेषण (7 दिनों के भीतर)
- UPCL द्वारा तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट (TFR) तैयार कर UREDA को भेजना (15 दिनों के भीतर)
- यदि TFR सही है, तो कमेटी द्वारा अनुदान (LoA) जारी करना (15 दिनों के भीतर)
- UPCL और आवेदक के बीच PPA हस्ताक्षर (10 दिनों के भीतर)
- आवेदक द्वारा PPA की प्रति GM, DIC को भेजना (10 दिनों के भीतर)
- DCB द्वारा ऋण स्वीकृति (10 दिनों के भीतर)
- सौर ऊर्जा संयंत्र का चालू होना (LoA के 12 महीनों के भीतर)
- COD के 2 महीनों के भीतर पूंजीगत सब्सिडी का वितरण
7. प्रमुख शर्तें
- परियोजना स्थल को 100 से 200 मीटर की दूरी पर ट्रांसफार्मर या HT लाइन से जोड़ा जाना चाहिए।
- भूमि पट्टा या स्वामित्व प्रमाण पत्र आवश्यक।
- डेवलपर को तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट (TFR) जमा करनी होगी।
8. सब्सिडी एवं अन्य लाभ
- एमएसएमई इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन।
- श्रेणी ‘C’ क्षेत्रों में परियोजनाओं को प्राथमिकता।
- आसान अनुमोदन प्रक्रिया।
यह नीति राज्य में अक्षय ऊर्जा संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है और पर्यावरणीय स्थिरता को सुनिश्चित करने में सहायक होगी।
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