उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग, भारत सरकार के अनुमानों के अनुसार भारत विश्व में 12-15 प्रतिशत तक की स्थिर वार्षिक वृद्धि के साथ अग्रणी स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनने की दहलीज पर है। वर्ष 2021-22 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022 की अवधि में देश में 14,000 स्टार्टप्स को मान्यता
प्रदान की गयी है और वर्तमान में 70,000 से अधिक पंजीकृत स्टार्टअप हैं। इनमें से लगभग 8,900 9,300 प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप हैं, अकेले वर्ष 2021-22 में 1300 नए तकनीकी स्टार्टअप की शुरूआत हुई है, इसका अर्थ है कि देश में प्रतिदिन 2-3 तकनीकी स्टार्टअप जनित हो रहे हैं। वर्ष 2011 में देश का पहला
यूनिकॉर्न स्टार्टअप का जन्म होने से लेकर वर्ष 2022 तक भारत में यूनिकॉर्न का शतक पूरा हो गया है। यह भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक दीर्घकालिक और घटनाओं से भरी हुई यात्रा रही है। विश्व स्तर पर स्टार्टप्स में धन जुटाने और निवेश शिखर पर है। वर्ष 2022 के प्रारम्भ से जुलाई 2022 तक, भारतवर्ष में
19 नए यूनिकॉर्न की शुरूआत हो चुकी है और अब तक यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश करने वाले भारतीय टेक स्टार्टअप्स की कुल संख्या 105 हो गई है। वित्त पोषण एवं मूल्यांकन गतिविधियों में वृद्धि के साथ, डेकाकोर्न सूची में स्टार्टअप्स की संख्या भी पूरे देश में बढ़ रही है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से निकटता, प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध अनन्य जलवायु परिस्थितियों के साथ, उत्तराखण्ड को खाद्य और कृषि, यात्रा और पर्यटन, शिक्षा, फार्मास्युटिकल, वेलनेस, सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, बिग डेटा, सास, ड्रोन, रोबोटिक्स आदि क्षेत्रों में काम करने वाले
स्टार्टअप के लिए रणनीतिक हब माना जा सकता है। राज्य की अनुकूल नीतियों, व्यवसाय के लिए मैत्रीपूर्ण वातावरण, मजबूत बुनियादी ढांचा, राज्य को देश में स्टार्टप्स के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बनाता है। जून 2022 के अंत तक उत्तराखण्ड राज्य में 700 से अधिक स्टार्टप्स स्थापित हो चुके हैं, जिसकी वर्ष 2018 के
अंत तक संख्या मात्र 100 थी। उत्तराखण्ड सरकार के केंद्रित प्रयासों के परिणामस्वरूप 2022 की पहली तिमाही के अंत तक राज्य के लगभग तेरह (13) स्टार्टअप उल्लेखनीय एंजेल निवेशकों, उद्यम पूंजी फर्मों और अन्य निजी निवेशकों से धन जुटाने में सफल रहे हैं। वर्ष 2022 के मध्य तक, राज्य 11 इन्क्यूबेशन सेन्टर्स
में 55,000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र को इन्क्यूबेशन क्षेत्र में जोड़ने में सक्ष्म हुआ है, जिसमें स्टार्टअप को तकनीकी और साझा सेवाएं प्रदान करने के लिए 190 से अधिक पंजीकृत सलाहकार, 20 से अधिक एंजेल निवेशक और वेंचर केपिटलिस्ट 13 भागीदार संगठनों के साथ ऑन-बोर्ड हुए हैं।
राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग 2019 में, उत्तराखण्ड को “एसपायरिंग लीडर” और “नियामक चैंपियन’ के रूप में मान्यता दी गई थी। उत्तराखण्ड स्टार्टअप नीति की घोषणा के बाद किए गए रणनीतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों के लिए इसे “एक संस्थागत
चैंपियन” और “एक क्षमता निर्माण पायनियर” के रूप में मान्यता दी गई। वर्ष 2021 में स्टार्टअप इंडिया और उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा घोषित राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग 2021 में उत्तराखण्ड को “लीडर” के रूप में मान्यता दी गई है। राज्य सरकार ने स्टार्टअप्स पर केंद्रित रणनीतिक पहलों पर
उत्तराखण्ड सरकार को मार्गदर्शन और सलाह देने के लिए वर्ष 2020 में स्टार्टअप्स, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप पर मुख्यमंत्री सलाहकार समूह भी बनाया है। स्टार्टअप उत्तराखण्ड में बीस (20) से अधिक विशेष कार्यक्रम हैं, जो इच्छुक उद्यमियों, इन्क्यूबेटरों, निवेशकों, महिला उद्यमियों, सरकारी अधिकारियों और राज्य भर
के अन्य पारिस्थितिकी तंत्र के हितधारक (प्लेयर्स) के मार्गदर्शन, प्रशिक्षण, सलाह और सहायता के लिए तैयार किए गए हैं। राज्य सरकार नवोन्मेषी विचारों की पहचान और मान्यता के लिए स्टार्टअप बूट कैंप, ग्रैंड चैलेंज, हैकथॉन आदि 2 का आयोजन करती है। राज्य स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के हितधारकों के लिए राष्ट्रीय
और एक्सपोजर यात्राओं का भी आयोजन करता है।
वर्तमान प्रवृत्तियों से यह स्पष्ट है कि स्टार्टअप दुनिया भर में नवाचारों का केंद्र बन गए हैं। ये न केवल जटिल समस्याओं के अभिनव समाधानों को डिजाइन करने और विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वरन् रोजगार के स्वरूप में सुधार, रोजगार के अवसर प्रदान करने और राज्यों के लिए धन सृजन में भी महत्त्वपूर्ण
भूमिका निभाते हैं। स्टार्टअप परिवर्तन सम्बन्धी तकनीक से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं और समय के साथ नए उद्योग सृजित करते हैं। स्टार्टअप्स को उपयुक्त आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक वातावरण प्रदान करने वाले देशों ने देश के लिए उनके द्वारा बनाए गए सकारात्मक प्रभावों को देखा है। इस प्रकार, उत्तराखण्ड
राज्य में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को पोषित करने के लिए, भविष्य की नीतियों, योजनाओं और समर्थन प्रणालियों के साथ स्टार्टअप्स, इनक्यूबेटर्स, निवेशकों, संरक्षकों और पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य सभी प्रमुख हितधारकों का समर्थन करना आवश्यक है। यह राज्य में स्टार्टअप इकोसिस्टम को और बढ़ावा देने के लिए
रणनीतिक प्रयास और कार्य योजना बनाने की आवश्यकता की मांग करता है।
विश्व में कोविड महामारी के बाद आर्थिक वातावरण में भारी बदलाव के मद्देनजर, घरेलू विकसित स्टार्टअप उद्यमों का समर्थन करने के लिए अनुकरणीय उपायों को डिजाइन करना अपरिहार्य हो गया है। परिणामस्वरूप, राज्य की स्टार्टअप नीति पर फिर से विचार करना और उत्तराखंड में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के अग्रिम
विकास हेतु समर्थन करने के लिए पर्याप्त प्रावधान करना महत्त्वपूर्ण है। इस प्रकार, जटिल सामाजिक समस्याओं को हल करने में नवाचारों और उद्यमिता को बढावा देने की आवश्यकता को पूरा करने और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख हितधारकों का समर्थन करने के उद्देश्य से, “उत्तराखण्ड स्टार्टअप नीति 2022”
प्रख्यापित की जा रही है।
उद्देश्यः
इस नीति का उद्देश्य राज्य में एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र विकसित कर नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति का निर्माण करना है। स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास से विश्व स्तरीय संस्थागत बुनियादी ढांचे के निर्माण, इन्क्यूबेशन और परामर्शी नेटवर्क की स्थापना, धन तथा बाजार तक पहुंच को सक्षम बनाने,
सार्वजनिक खरीद तथा व्यापार के अनुकूल एवं नियामक वातावरण सृजित करने के साथ-साथ राज्य में रोजगार सृजन और धनोपार्जन के अवसरों को बढ़ावा मिलेगा।
दृष्टिः
एक अग्रणी स्टार्टअप गन्तव्य का निर्माण कर उत्तराखण्ड को नवोन्मेषी, इच्छुक उद्यमियों, इन्क्यूबेटर्स और पारिस्थितिक तंत्र के हितधारकों (प्लेयर्स) के लिए रणनीतिक स्टार्टअप हब के रूप में प्रतिस्थापित करना।
लक्ष्यः
1. आगामी 5 वर्षों में प्रौद्योगिकी संचालित उद्यमों सहित 1000 स्टार्टअप्स के विकास को बढ़ावा देना।
2. नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी, कार्यविधि या प्रक्रियाओं, पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी, सामाजिक प्रभाव या स्थिरता पर काम करने वाले स्टार्टर्स उद्यमों के विकास को प्रोत्साहित करना, जो जटिल समस्याओं के समाधान पर ध्यान केंद्रित कर रोजगार सृजन और धनोत्सर्जन के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि हेतु प्रोत्साहित
करते हैं।
3. प्रदेश में नवोन्मेषकों, स्टार्टअप्स, इच्छुक छात्र उद्यमियों, महिला उद्यमियों और अन्य पारिस्थितिकी तंत्र हितधारकों के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं की स्थापना करना।
4. प्रत्येक जिले में कम से कम । इन्क्यूबेशन सेन्टर के साथ राज्य भर में 30 नए इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित करना।
5. राज्य में स्टार्टअप उद्यमों के विकास के लिए पूंजी, प्रमुख बुनियादी ढांचे एवं अन्य प्रमुख संसाधनों तक पहुंच को सक्षम बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र स्थापित करना।
6. उद्यमशीलता, नवाचारों एवं इसके व्यावसायीकरण तथा प्रौद्योगिकी उद्यमों के विकास को बढ़ावा देने
परिभाषाः
विधिक अस्तित्व (इस नीति के अधीन स्टार्टअप्स को मान्यता देने के उद्देश्य से) विधिक रूप से एक इकाई से अर्थ भारत में निगमित निम्नांकित में से किसी एक से है:
i. कंपनी अधिनियम 2013 में परिभाषित एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या
ii. सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 के प्रावधानों के तहत एक सीमित देयता भागीदारी फर्म या
साझेदारी अधिनियम, 1932 की धारा 59 के तहत पंजीकृत साझेदारी फर्म।