मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना MSSY

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MSSY-Uttarakhand

 

उद्देश्य
प्रदेश का अधिकांश क्षेत्र पर्वतीय होने के कारण यहाँ के निवासियों एवं कृषकों को रोजगार/व्यवस्था के समुचित साधन उपलब्ध न होने से कृषकों द्वारा अपनी भूमि का समुचित उपयोग नही किया जा पा रहा है जिससे कृषि खेती बंजर हो रही है। ऐसे लघु एवं सीमान्त कृषकों तथा राज्य के बेरोजगार निवासियों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किये जाने तथा ऐसी भूमि जो कृषि योग्य नहीं है, पर सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना कर उत्पादित विधुत को यू0पी0सी0एल0 को विक्रय करने से आय के साधन विकसित कराने हेतु प्रोत्साहित करना है। योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं :

(i) युवा उद्यमियों, उत्तराखण्ड के ऐसे प्रवासियों जो कोविड-19 के कारण राज्य में वापिस आये हैं तथा लघु एवं सीमान्त कृषकों को स्थानीय स्तर पर स्व-रोज़गार के अवसर सुलभ कराना।

(ii)पर्वतीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरी की खोज में होने वाले पलायन को रोकना।

(iii) ऐसी कृषि भूमि जो बंजर हो रही है, पर सोलर पावर प्लान्ट लगाकर आय के साधन विकसित कराना।

(iv) प्रदेश में हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना तथा आर0पी0ओ0 की पूर्ति सुनिश्चित कराना।

(v) योजना के अन्तर्गत सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना के साथ-साथ उक्त भूमि पर मौन पालन तथा फल, सब्ज़ी एवं जड़ी-बूटी आदि का उत्पादन कर अतिरिक्त आय के साधन विकसित कराया जाना।

योजना का विवरण:-

(i) इस योजना का नाम मुख्यमंत्री सौर स्वरोज़गार योजना होगा।

(ii)यह योजना सम्पूर्ण राज्य में लागू होगी।

(iii) इस योजना के अंतर्गत 25 किलोवाट क्षमता के ही सोलर पावर प्लान्ट अनुमन्य किये जायेंगे।

(iv) इस योजना के अंतर्गत पात्र व्यक्ति (राज्य के स्थायी निवासी) अपनी निजी भूमि अथवा लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना कर सकेंगे।

(v) इस योजना के अंतर्गत 10000 परियोजनाऐं पात्र आवेदकों को आवंटित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्षवार लक्ष्यों का निर्धारण एम0एस0एम0ई0 एव वित विभाग की सहमति से निर्धारित किया जायेगा।

(vi) यह योजना को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा ‘‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ के सम्बन्ध में जारी कार्यालय ज्ञाप सं0 580/VII-3/01(03)-एम0एस0एम0ई0/2020 दिनांक-09 मई, 2020 के एक अध्याय के रूप में संचालित किया जायेगा तथा योजना के अन्तर्गत आवंटित सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना पर विनिर्माणक गतिविधि हेतु सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSMEs) विभाग द्वारा अनुमन्य अनुदान/मार्जिन मनी एवं लाभ प्राप्त हो सकेंगे।

(vii) इस योजना के अंतर्गत online portal के माध्यम से इच्छुक पात्र व्यक्तियों द्वारा आवेदन किया जा सकेगा।

(viii) इस योजना का क्रियान्वयन उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) द्वारा किया जायेगा तथा यू0पी0सी0एल0 एवं राज्य सहकारी बैंक द्वारा सहयोगी संस्था के रूप में कार्य किया जायेगा।

योजना हेतु पात्रता

(i) यह योजना केवल उत्तराखण्ड के स्थायी निवासियों हेतु ही मान्य होगी।

(ii)इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के उद्यमशील युवक, ग्रामीण बेरोजगार एवं कृषक जो 18 वर्ष से अधिक आयु के होंगे, प्रतिभाग कर सकते है।

(iii) इस योजना में प्रतिभाग हेतु शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नही होगी।

(iv) पइस योजना में एक व्यक्ति को केवल एक ही सोलर पावर प्लान्ट आवंटित किया जायेगा।

परियोजना हेतु तकनीकी मानक

(i) इस योजना के अंतर्गत 25 किलोवाट क्षमता के संयत्र आवंटित किये जायेंगे।

(ii)25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना हेतु लगभग 1.5 से 2.0 नाली (300 वर्ग मीटर) भूमि की आवश्यकता होगी।

(iii) 25 किलोवाट क्षमता तक के संयत्र की स्थापना पर लगभग 40 हजार प्रति किलोवाट की दर से कुल 10 लाख का व्यय सम्भावित है।

(iv) उत्तराखण्ड राज्य में औसतन धूप की उपलब्धता के आधार पर 25 किलोवाट क्षमता के संयत्र से पूरे वर्ष में लगभग 1520 यूनिट प्रति कि0वा0 की दर से कुल 38000 यूनिट प्रतिवर्ष विधुत उत्पादन हो सकता है।

(v) इस योजना के अंतर्गत यू0पी0सी0एल0 द्वारा स्थापित 63 KVA एवं इससे अधिक क्षमता के स्थापित ट्रांसफार्मर से 300 मीटर Aerial Distance(हवाई दूरी) एवं मैदानी में 100 मीटर Aerial Distance (हवाई दूरी) तक सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना हेतु आवेदन किया जाना होगा। यदि ट्रांसफार्मर के आस-पास निर्धारित दूरी में अधिक संख्या में आवेदक आवेदन करते है तो ऐसी दशा में आवेदकों के वार्षिक न्यूनतम आय के आधार पर परियोजना आवंटन की जायेगी।

(vi) प्रदेश में यू0पी0सी0एल0 द्वारा 63 KVA एवं उससे अधिक क्षमता के स्थापित समस्त ट्रांसफार्मर्स के स्थलों की सूचना Online Portal पर उपलब्ध करायी जायेगी, जिसके आधार पर आवेदकों द्वारा आवेदन किया जा सकेगा।

(vii) इस योजना के अंतर्गत आवंटित परियोजना से उत्पादित विधुत को यू0पी0सी0एल0 द्वारा मा0 उत्तराखण्ड विधुत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर 25 वर्षों तक क्रय किया जायेगा।

(viii) यू0पी0सी0एल0 द्वारा विधुत क्रय करने हेतु सम्बन्धित लाभार्थी के साथ विधुत क्रय अनुबन्ध (पी0पी0ए0) किया जायेगा।

 

योजना हेतु ऋण एवं अनुमन्य लाभ

1. इस योजना में उत्तराखण्ड राज्य/जिला सहकारी बैंको द्वारा चयनित लाभार्थियों को अनुमन्यता के आधार पर 8.00 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।

2. इस योजना में संयत्र की कुल लागत का 70% तक अंश लाभार्थी को ऋण के रूप में राज्य/ सहकारी बैंकों के माध्यम से प्राप्त हो सकेगा तथा शेष राशि सम्बन्धित लाभार्थी द्वारा मार्जिन मनी के रूप में वहन की जायेगी।

3. इस योजना के अंतर्गत चयनित लाभार्थियों को एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री स्वरोज़गार योजना में प्राविधानित मार्जिन मनी/अनुदान एवं लाभ प्राप्त हो सकेंगे।

4. सहकारी बैंक द्वारा इस योजना के अन्तर्गत 15 वर्ष की अवधि हेतु ऋण दिया जायेगा।

5. यदि कोई लाभार्थी स्वयं के व्यय पर अथवा अन्य किसी राष्ट्रीयकृत बैंक/अन्य बैंक से ऋण प्राप्त कर सोलर पावर प्लान्ट लगाना चाहता है, तो उसे लाभार्थी को भी एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा ‘‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ के अन्तर्गत अनुमन्य अनुदान/मार्जिन मनी एवं लाभ प्राप्त हो सकेंगे।

6. इस योजना के अन्तर्गत चयनित लाभार्थियों को अपनी भूमि के भू-परिवर्तन उपरान्त Mortgage करने के लिये लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर 100% छूट प्रदान की जायेगी।

7. इस योजना के अंतर्गत चयनित लाभार्थियों को संयत्र स्थापित किये जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय एवं स्कन्ध पादपों के बीज निःशुल्क उपलब्ध कराये जायेंगे, जिससे सम्बन्धित लाभार्थी अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा से विधुत उत्पादन के साथ-2 मधुमक्खी पालन करने एवं स्थानीय उत्पाद जैसे (अदरक, हल्दी एवं अन्य जड़ी बूटियों) की पैदावार करने से आय के अतिरिक्त श्रोत्र विकसित कर सकेगें।

योजना हेतु आवेदन/चयन प्रक्रिया

1. इस योजना हेतु उरेडा द्वारा Online Portal पर आवेदन आमंत्रित/प्राप्त किये जायेंगे।

2. आवेदन के साथ प्रत्येक लाभार्थी को रू0 500/- (जी0एस0टी0 सहित) आवेदन शुल्क के रूप में निदेशक, उरेडा, देहरादून के पक्ष में बैंक ड्राफ्ट के रूप में जमा कराया जाना होगा अथवा उरेडा के खाता सं0 4422000101072887,] IFSC Code: PUNB0442200, ब्रांच: विधानसभा में जमा कराया जाना होगा।

3.प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी हेतु प्रत्येक जनपद में निम्नानुसार ‘तकनीकी समिति’’ गठित की जायेगी :-

महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र अथवा उनके द्वारा नामित प्रतिनिधि।
यू0पी0सी0एल0 के सम्बन्धित जनपद के अधिशासी अभियन्ता।
जिला सहकारी बैंक के प्रतिनिधि।
उरेडा के जनपदीय अधिकारी, (समन्वयक)।

4. तकनीकी रूप से उपयुक्त पाये गये आवेदकों को परियोजना का आवंटन जनपद स्तर पर निम्नानुसार गठित समिति द्वारा किया जायेगा: –
जिलाधिकारी अथवा उनके द्वारा नामित मुख्य विकास अधिकारी – अध्यक्ष।
महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र – सदस्य।
अधिशासी अभियन्ता, यू0पी0सी0एल0 – सदस्य।
सम्बन्धित जनपद के सचिव/महाप्रबन्धक, जिला सहकारी बैंक – सदस्य।
वरि0 परि0 अधिकारी/परियोजना अधिकारी, उरेडा – सदस्य सचिव

 

विविध

1. परियोजना आवंटन पत्र प्राप्त होने पर लाभार्थी द्वारा यू0पी0सी0एल0 के साथ विधुत क्रय अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया जायेगा।

2. लाभार्थी द्वारा परियोजना आवंटन पत्र, पी0पी0ए0 की प्रति, परियोजना रिपोर्ट एवं अन्य आवश्यक अभिलेख सम्बन्धित जनपद के महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र को जमा कराये जायेंगे।

3. महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केन्द्र द्वारा उक्त आवेदन सम्बन्धित बैंक शाखा को 07 दिवस के भीतर अग्रसारित किये जायेंगे।

4. लाभार्थी को आवेदन बैंक शाखा में प्राप्त होने के 15 दिन के अन्दर ऋण स्वीकृति/अस्वीकृति के सम्बन्ध में निर्णय लेकर जिला उद्योग केन्द्र को सूचित किया जायेगा।

5. ऋण स्वीकृति उपरान्त सम्बन्धित बैंक शाखा द्वारा मार्जिन मनी के दावे सम्बन्धित जनपद के महाप्रबन्धक, जिला केन्द्र उद्योग को प्रस्तुत किये जायेंगे, जिस पर दावा प्राप्त होने के 07 दिन में मार्जिन मनी की राशि बैंक शाखा/लाभार्थी के खाते में डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डी0बी0टी0) के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी।

6. यह मार्जिन मनी लाभार्थी के खात में टी0डी0आर0 (मियादी जमा) के रूप में उपलब्ध रहेगी एवं मार्जिन मनी प्राप्त होने के उपरान्त कुल परियोजना लागत में मार्जिन मनी के भाग पर ब्याज देय नहीं होगा।

7. सोलर पावर प्लान्ट के 02 वर्षों तक सफल संचालन के उपरान्त मार्जिन-मनी अनुदान के रूप में समायोजित हो जायेगी।

8. सोलर पावर प्लान्ट के ग्रिड संयोजन, विधुत उत्पादन, स्थापना/कमीशनिंग आदि से सम्बन्धित तकनीकी मानक मा0 उत्तराखण्ड विधुत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित रेग्यूलेशन के अनुसार मान्य होंगे।

9. लाभार्थी द्वारा सोलर पावर प्लान्ट की स्थापना नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार (एम0एन0आर0ई0) द्वारा निर्धारित तकनीकी मानदण्डों के अनुरूप पूर्ण करायी जायेगी।

10. स्थापित सोलर पावर प्लान्ट के स्वामित्व में परियोजना की कमीशनिंग (सी0ओ0डी0) के 02 वर्षों तक कोई बदलाव मान्य नहीं होगा।

11. इस योजना के किसी प्राविधान के संशोधन, परिमार्जिन तथा स्पष्टीकरण प्रशासनिक विभाग के मंत्री जी की अनुमति से ही किया जा सकेगा।

 

SPOC-  Pundir- 7290998562

Source- Uttarakhand Government